Shayari urdu shayari hindi love status sad

ہم آہ بھی کرتے ہیں تو ہو جاتے ہیں بدنام
وہ قتل بھی کرتے ہیں تو چرچا نہیں ہوتا

اکبر الہ آبادی

हम आहें भरते हैं तो भी बदनाम हो जाते हैं
अगर वे मारते भी हैं, तो भी कोई चर्चा नहीं होती है

अकबर इलाहाबादी

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جان فرقت میں نہ نکلے تومجھے کیوں ہوعزیز
دوست وہ کیا جو مصیبت میں مددگار نہ ہو

اکبر الہ آبادی

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तुम मुझे जाने क्यों नहीं देते, प्रिय?
दोस्त, वही करें जो मुसीबत में मददगार न हो

अकबर इलाहाबादी

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دل پر داغ کو ارماں کہ گلے ان کے لگے
ان کو یہ ڈر کہ گلے کا یہ کہیں ہار نہ ہو

اکبر الہ آبادی

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मैं अपने दिल पर उस दाग की कामना करता हूं जो मुझे गले लगा ले
उन्हें डर है कि यह हार कोई हार नहीं होगी

अकबर इलाहाबादी

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پوشیدہ ہیں دل میں کہ کلیجے میں نہاں ہیں
کیا جانیے تیر نگہ یار کہاں ہیں

مٹی میں ملانے کو سوئے قبر رواں ہیں
ہم دوش پہ احباب کی اک بار گراں ہیں

غیروں پہ تلطف ہے ترحم ہے کرم ہے
معلوم ہوا آپ بڑے فیض رساں ہیں

پھولی نہ پھلی شاخ امید اپنی کبھی آہ
ہم گلشن آفاق میں پامال خزاں ہیں

حیران ہوں مدہوش ہوں بیخود ہوں سراپا
جلوے کے اثر یوں مری صورت سے عیاں ہیں

کہتا ہے کوئی برق تجلی کو دکھا کر
اے طالب دیدار ترے ہوش کہاں ہیں

کچھ منہ سے جو بولیں تو کھلے راز حقیقت
کیوں مہر سر قفل در گنج نہاں ہیں

جاگیر لحد موت نے بخشی ہے عدم میں
اب ہم کو یہ دعویٰ ہے کہ ہم اہل مکاں ہیں

افسردگی خاطر ناشاد مدد کر
غم ہائے غریب الوطنی کاہش جاں ہیں

رونق ہے اگربزم سخن کی تو ہمیں سے
ہم باعث دل بستگی طبع جہاں ہیں

مضمون نہیں ہے تو نہ ہو اپنی غزل میں
اکبر یہی کیا کم ہے کہ ہم اہل زباں ہیں

اکبر الہ آبادی

वे दिल में नहीं बल्कि दिल में छिपे हुए हैं
पता लगाएं कि तीरथ कहां हैं

सोई हुई कब्रें कीचड़ में तैर रही हैं
हम एक समय में एक बार प्रिय मित्र हैं

दूसरों में आनंद है, करुणा है, अनुग्रह है
यह पता चला है कि आप एक महान दाता हैं

आशा की एक शाखा जो कभी नहीं खिलती
हम गुलशन अफाक के पतन में हैं

हैरान, नशा, निस्वार्थ
जलवा का प्रभाव इस प्रकार मुरारी मामले से स्पष्ट है

किसी को बिजली की अभिव्यक्ति दिखाते हुए कहते हैं
हे विद्यार्थी, तुम्हारे होश कहाँ हैं?

वे अपने मुंह से जो कहते हैं वह एक खुला सच है
जवानों को बंद क्यों नहीं किया जाता है?

जगिर लाहद ने गैर-मौजूदगी में मौत दी है
अब हमारे पास दावा है कि हम घर के लोग हैं

मुझे अवसाद से बाहर निकालने में मदद करें
गरीब देशभक्तों के दुख मर रहे हैं

अगर हमारे साथ बात करें तो समृद्धि है
जहां हम दिल टूटने के कारण हैं

अगर कोई लेख नहीं है, तो यह आपकी ग़ज़ल में नहीं होना चाहिए
अकबर, क्या कम है कि हम भाषाओं में धाराप्रवाह हैं

अकबर इलाहाबादी

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لب ہمارے خموش رہتے ہیں
اور کرتی ہیں گفتگو آنکھیں

پھیل جائے جہاں میں تاریکی
بند کر لے کبھی جو تو آنکھیں

اکبر الہ آبادی

हमारे होंठ खामोश हैं
और आँखें बात करती हैं

जहां अंधेरा है, वहां फैलाओ
अपनी आँखें कभी बंद न करें

अकबर इलाहाबादी

چل رہے ہیں قطار میں سورج
اور چراغوں کی رہنمائی ہے

رونقیں اس کی کم نہیں ہوتیں
تو نے محفل عجب سجائی ہے

اکبر الہ آبادی

सूरज एक पंक्ति में बढ़ रहा है
और दीपों का मार्गदर्शन

रंगों की कमी नहीं है
आपने एक शानदार पार्टी सजाई है

अकबर इलाहाबादी

تو ہے ظاہر پرست اے دنیا
مہکے گیسو کا درد کیا جانے

سب تو جھنکار کے ہیں متوالے
کوئی گھنگھرو کا درد کیا جانے

اکبر الہ آبادی

आप ही प्रकटकर्ता हैं, हे संसार
गंध गैस का दर्द

वे सभी शराबी हैं
कोई कर्लिंग दर्द नहीं

अकबर इलाहाबादी

Shayari urdu shayari hindi love status sad

ہجر کے ماروں کی تقدیر بھی کیا ہوتی ہے
دیکھ سکتے ہیں مگر بات نہیں ہو پاتی

ان کناروں سے کبھی پوچھو جدائی کیا ہے
عمر بھر جن کی ملاقات نہیں ہو پاتی

اکبر الہ آبادی

हज के शहीदों का क्या हश्र होता है?
देख सकते हैं लेकिन बात नहीं कर सकते

इन किनारों से पूछें कि अलगाव क्या है
जो जीवन भर नहीं मिले

अकबर इलाहाबादी

وعدۂ شب پر گمان صدق سے سوئے نہ ہم
راہ اس پیماں شکن کی رات بھر دیکھا کئے 

یاد میں رخسار تابان صنم کی رات بھر
دیدۂ حسرت سے ہم سوئے قمر دیکھا کئے

اکبر الہ آبادی

हम रात के वादे पर नहीं सोये थे
पथ ने पूरी रात इस पैमाने को तोड़ने वाले को देखा

रात भर रुखसार तबन सनम की याद में
हमने सोते हुए चाँद को उदासी के साथ देखा

अकबर इलाहाबादी

نا توانی مری دیکھی تو مصوّر نے کہا ​
ڈر ہے تم بھی کہیں کھنچ آؤ نہ تصویر کے ساتھ​

میں ہوں کیا چیز جو اس طرز پہ جاؤں اکبر​
ناسخ و ذوق بھی جب چل نہ سکے میر کے ساتھ​

اکبر الہ آبادی

जब चित्रकार ने बेबसी देखी, तो उसने कहा
मुझे डर है कि तुम भी एक तस्वीर के साथ खींच लिया जाएगा

मैं क्या हूँ इस रास्ते से अकबर जाने के लिए
जब नस्क और ज़ौक मीर के साथ नहीं चल सकते थे

अकबर इलाहाबादी

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